एलो वेरा एक उष्णकटिबंधीय पौधा है जिसमें पत्तियां होती हैं जो एक शुद्ध चिपचिपा घोल (जेल) का उत्पादन करता हैं।
एलोवेरा जेल को जब त्वचा पर लगाया जाता है तो ये हमारी त्वचा को बैक्टीरिया से लड़ने, सूजन को कम करने और घाव भरने में काफी हद तक मदद करता है।
इस वजह से, यह त्वचा की विभिन्न स्थितियों के लिए एक लोकप्रिय घरेलु उपचार है, जिसमें सोरायसिस, चकत्ते, कट और जलन शामिल हैं जिसे हम एलो वेरा से ठीक कर सकते है।
विशेष रूप से फुंसी और मुहासे से लड़ने के लिए एलोवेरा की क्षमता पर सीमित अध्ययन हैं, लेकिन जो भी मौजूदा शोध है वो आशाजनक है की हम एलो वेरा को त्वचा के रोगों में प्रयोग करके लाभ उठा सकते है ।
एलोवेरा में ल्यूपॉल, सैलिसिलिक एसिड, यूरिया नाइट्रोजन, दालचीनी एसिड, फेनॉल्स और सल्फर होते हैं, जो सभी बैक्टीरिया को रोकते हैं जिनके कारण फुंसियों और मुहांसों का हमारी त्वचा पर निर्माण होता है।
एक अध्ययन में, एलोवेरा जेल की अलग-अलग मात्रा को लौंग-तुलसी तेल में मिलाया गया और मुँहासे-रोधी गुणों के लिए इसका मूल्यांकन किया गया। लोशन में एलोवेरा की मात्रा जितनी अधिक डाली गई उतना ही इससे फुंसियों और मुहांसे को कम करने में यह कारगर रहा।
एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि ट्रिटिनॉइन (Tretinoin) क्रीम के साथ 50% एलोवेरा जेल का उपयोग करना अकेले ट्रिटिनॉइन क्रीम की तुलना में फुंसी को साफ़ करने में अधिक प्रभावी था। ट्रिटिनॉइन क्रीम विटामिन ए से प्राप्त एक मुँहासे की दवा है।
हालांकि अपने आप में एलोवेरा जेल मुहांसे और फुंसियों के इलाज में ज्यादा प्रभावी नहीं था, परन्तु जब इसे लौंग-तुलसी तेल और ट्रिटिनॉइन क्रीम के साथ मिलाया गया तो एलोवेरा जेल के प्रभाव से इनका प्रभाव भी काफी ज्यादा बढ़ गया और एक उच्च कोटि की मुँहासे को खत्म करने वाली दवाई बन कर सामने आयी।
हालांकि एलोवेरा जेल अपने दम पर फुंसियां साफ करने में मदद कर सकता है, यह अन्य उपचार या दवाओं के साथ संयुक्त होने पर अधिक प्रभावी होता है।