फुंसियां / मुहांसे (Acne-Pimple) दुनिया में सबसे आम त्वचा की बिमारियों में से एक है, जो आप अपने जीवन में किसी न किसी पड़ाव पर लगभग 85% लोगों को प्रभावित करता है।
पारंपरिक फुंसियों / मुहांसों का उपचार महँगा हो सकता हैं और अक्सर त्वचा पर सूखापन, लालिमा और जलन जैसे अवांछनीय दुष्प्रभाव हो जाते हैं।
जिसके फलस्वरूप कई लोग यह जानने के लिए प्रेरित हुए की क्या घर पर प्राकृतिक रूप से फुंसियों / मुहांसों का इलाज किया जा सकता और अगर हाँ तो कैसे ?
इंटरनेट तो सुझावों से भरा है, लेकिन क्या प्राकृतिक उपचार वास्तव में काम करते हैं?
तो आज हम आपको इस लेख में वैज्ञानिकों द्वारा समर्थित फुंसियों / मुहांसों के 11 घरेलू उपचार बताएँगे ।
फुंसियों / कील / मुँहासे (Acne / Pimple) किस कारण होते है?
मुंहासे तब शुरू होते हैं जब आपकी त्वचा छिद्रों में तेल और मृत त्वचा कोशिकायें भर जाती हैं।
प्रत्येक छिद्र एक वसामय ग्रंथि से जुड़ा होता है, जो सीबम नामक एक तैलीय पदार्थ का उत्पादन करता है। अतिरिक्त सीबम छिद्रों को अलग थलग कर सकता है, जिससे एक बैक्टीरिया का विकास हो सकता है जिसे Propionibacterium acnes, या P. Acnes के नाम से जाना जाता है।
आपकी श्वेत रक्त कोशिकाएं पी-एक्ने पर हमला करती हैं, जिससे त्वचा में सूजन और मुँहासे हो जाते हैं। मुँहासे के कुछ मामले दूसरों की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं, लेकिन सामान्य लक्षणों में व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स और पिंपल्स शामिल हैं।
कई कारक मुँहासे के विकास में योगदान करते हैं, जिनमें आनुवंशिकी, आहार, तनाव, हार्मोन परिवर्तन और संक्रमण शामिल हैं।
नीचे मुँहासे के लिए 11 घरेलू उपचार दिए गए हैं जिन्हें आपको फुंसियों / कील / मुँहासे के लिए अपनाना चाहिए।
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1. सेब का सिरका लगा कर
सेब का सिरका, सेब रस को किण्वित करके या बिना छाने हुए सेब के रस को दबा – गला (सडा) कर बनाया जाता है।
अन्य सिरकों की तरह, यह कई प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की क्षमता के लिए जाना जाता है।
एप्पल सिरका में कई कार्बनिक अम्ल होते हैं जिन्हें पी-एक्ने को मारने / ख़त्म करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
इसके अलावा, लैक्टिक एसिड को मुँहासे के निशान को मिटाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है और सबसे अच्छी बात ये है की सेब के सिरका से हम उस अतिरिक्त तेल को सूखा सकते है जो मुँहासे के होने का प्रथम कारण बनता है।
इसे कैसे उपयोग करे
- 1 भाग सेब का सिरका और 3 भाग उसमे पानी मिलाएं (संवेदनशील त्वचा के लिए अधिक पानी का उपयोग कर सकते है)।
- सफाई के बाद, धीरे से रुई के फाहे का उपयोग करके मिश्रण को त्वचा पर लगाएं।
- 5-20 सेकंड के लिए इसे लगा कर रखे और फिर उसे पानी से धो लें और चेहरा सूखा ले।
- आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को प्रति दिन 1-2 बार कर सकते है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आपकी त्वचा पर सेब साइडर सिरका लगाने से जलन और खुजली भी हो सकती है, इसलिए इसे हमेशा कम मात्रा में और पानी के साथ घोल कर ही लगाए और अगर हो सके तो पहले कोहनी में थोड़ा सा लगा कर देख ले की कही आपका शरीर इसके लिए एलर्जिक तो नई है अगर हाँ तो इसका उपयोग न करें।
सारांश
सेब साइडर सिरका में कार्बनिक अम्ल मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने और मुहांसों के निशान को मिटाने और कम करने में मदद कर सकता हैं। इसे त्वचा पर लगाने से जलन या खुजली हो सकती है, इसलिए इसका उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए।
2. जिंक सप्लीमेंट / जस्ता पूरक लें
जस्ता एक आवश्यक पोषक तत्व है जो कोशिका वृद्धि, हार्मोन उत्पादन, चयापचय और प्रतिरक्षा तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
जस्ता पर भी मुँहासे के उपचार के लिए काफी अध्ययन किये गए है और यह भी परखा हुआ प्राकृतिक उपचारो में से एक है। खोज में ये पाया गया है की जिनके खून में जिंक (जस्ता) की मात्रा कम होती है उनको मुहासों होने की ज्यादा संभावना होती है और जिनके खून में (जिंक) जस्ता की मात्रा सही मात्रा में होती है उनकी त्वचा सुंदर और साफ़ होती हैं।
कई अध्ययनों में पाया गया है कि अगर हम प्रति दिन 30-45 मिलीग्राम जिंक लेते है तो हमारे चेहरे पर फुंसी / मुहासे कम होते है।
एक विशेष अध्ययन में, मुँहासे वाले 48 लोगों ने प्रति दिन 3 बार जिंक (जस्ता) की खुराक ली। 8 सप्ताह के बाद, उनमें से 38 लोगों के मुहांसो में 80-100% की कमी का अनुभव किया।
जिंक कई रूपों में उपलब्ध है, प्रत्येक रूप में जिंक की एक अलग मात्रा होती है।
आप जो भी रूप जिंक का चुनते हैं, उसकी प्रति दिन 40 मिलीग्राम जिंक (जस्ता) की निश्चित सीमा से अधिक नहीं लेना चाहिए। इसलिए यह संभवतः उस मात्रा से अधिक नहीं होना चाहिए जब तक कि हमारा इलाज किसी चिकित्सक की देखरेख में न हो। बहुत अधिक जस्ता लेने से प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है, जिसमें पेट में दर्द और आँत में जलन शामिल है।
बहुत अधिक जिंक (जस्ता) लेने से इसके कुछ खतरनाक प्रभाव पड़ सकते है, जैसे पेट में दर्द और आँत में जलन शामिल है।
एलिमेंटल जिंक यौगिक में मौजूद जस्ता की मात्रा को संदर्भित करता है। जस्ता कई रूपों में उपलब्ध है, और प्रत्येक में एक अलग मात्रा में मौलिक जस्ता होता है।
जिंक ऑक्साइड में सबसे अधिक 80% तक जिंक की मात्रा होती है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि त्वचा पर जस्ता लगाने से कुछ ख़ास प्रभाव नहीं पड़ता क्यूंकि त्वचा इसे आसानी से अवशोषित नहीं कर पाती इसलिए इसका उपयोग मुख द्वारा होना चाहिए तभी इसके सही परिणाम हमें मिल सकते है।
सारांश
साफ़ मुखमण्डल / चेहरे वाले लोगों की तुलना में जिनके चेहरे पर मुँहासे या फुंसियां होती है उन व्यक्तियों के शरीर में जस्ता की मात्रा कम होती है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि मुख द्वारा जस्ता लेने से मुँहासे कम हो सकते हैं।
3. शहद और दाल-चीनी का लेप लगाएं
शहद और दाल-चीनी दोनों एंटीऑक्सिडेंट के सबसे अच्छे स्रोत हैं।
अध्ययन में पाया गया है कि मुहांसों से ग्रसित त्वचा पर अगर एंटीऑक्सिडेंट लगाया जाये तो इससे होने वाला फायदा बेंज़ोयल पेरोक्साइड और रेटिनोइड की तुलना में ज्यादा अधिक होता है।
आपकी त्वचा के मुहांसों / फुंसियों के लिए शहद और दाल-चीनी दो सामान्य दवाएँ हैं जिनमें जीवाणु-रोधी गुण होते हैं।
अध्ययन किए गए एंटीऑक्सिडेंट विटामिन बी 3, लिनोलिक (ओमेगा -6) फैटी एसिड, और सोडियम एस्कॉर्बेल फॉस्फेट (एसएपी एक विटामिन सी का अच्छा स्रोत है) थे, जो एक विटामिन सी का यौगिक है।
शहद और दाल-चीनी में बैक्टीरिया से लड़ने और सूजन को कम करने की क्षमता भी होती है, और यही दो कारक (बैक्टीरिया और सूजन) हैं जो मुँहासे के बनने का कारण होते हैं।
जबकि शहद और दाल-चीनी के एंटीऑक्सिडेंट, जीवाणु-रोधी और सूजन को कम करने वाले गुणों के कारण ही आपके चेहरे में होने वाले मुँहासे / फुंसियों को रोक कर त्वचा को लाभ पहुंचा सकते हैं, मुँहासे का इलाज करने की उनकी क्षमता पर कोई अध्ययन अभी तक मौजूद नहीं है।
शहद और दाल-चीनी लेप कैसे बनाएँ
- इसका लेप बनाने के लिए 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच दाल-चीनी को एक साथ मिलाएँ।
- चेहरे को साफ पानी से धोने के बाद इसके लेप को अपने चेहरे पर लगाए और इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें।
- इस लेप को अच्छी तरह से रगड़ें और अपने चेहरे को सूखा रखें।
सारांश
शहद और दाल-चीनी लेप - शहद और दाल-चीनी में एंटीऑक्सिडेंट, जीवाणु-रोधी और विरोधी सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, इसलिए जब इसके लेप को लगाया जाता है तो वे फुंसियों / मुहांसों वाली त्वचा को लाभ पहुंचा सकता हैं।
4. चाय पेड़ के तेल से मुहांसों और फुंसियों का इलाज
चाय के पेड़ का तेल एक आवश्यक तेल है जो ऑस्ट्रेलिया के एक छोटे से पेड़ मेलेलुका अल्टिफ़ोलिया की पत्तियों से निकाला जाता है।
यह बैक्टीरिया से लड़ने और त्वचा की सूजन को कम करने की अपनी क्षमता के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है।
कई अध्ययनों से ये भी पता चलता है कि 5% चाय के पेड़ के तेल को त्वचा पर लगाने से प्रभावी रूप से मुँहासे कम हो जाते हैं।
जब हम 5% बेंज़ोयल पेरोक्साइड और 5% चाय के पेड़ के तेल की तुलना करते है तो चाय का तेल बेंज़ोयल पेरोक्साइड की तरह जल्दी तो नहीं पर अगर लगभग तीन महीने तक इसका उपयोग किया जाता है तो मुँहासे में काफी सुधार होता है।
बेंज़ोयल पेरोक्साइड की तुलना में चाय के तेल को लगाने से सूखापन, जलन और खुजली जैसे प्रतिकूल प्रभाव भी कम डालता है।
चाय के पेड़ का तेल बहुत ही गुणकारी होता है, इसलिए इसे अपनी त्वचा पर लगाने से पहले हमेशा पानी के साथ मिलाएं।
चाय पेड़ के तेल को कैसे उपयोग करे
- 1 भाग चाय के पेड़ के तेल को पानी के 9 भागों के साथ मिलाएं।
- मिश्रण में एक रुई का फाहा भीगोएं और मुहांसे से ग्रसित त्वचा पर लगाएं।
- अगर जरुरत लगे तो मॉइस्चराइजर या नमी वर्धक क्रीम लगाएं।
- आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को प्रति दिन 1-2 बार दोहराएं।
सारांश
चाय के पेड़ के तेल में मजबूत जीवाणु-रोधी और विरोधी सूजन कम करने वाले गुण होते हैं। इसे त्वचा पर लगाने से मुहांसों को कम करने में काफी मदद मिलती है।
5. ग्रीन टी का लेप त्वचा पर लगाएँ
ग्रीन टी को स्वास्थ्य लाभ के लिए बहुत से लोग पीते हैं, लेकिन त्वचा पर इसका लेप लगाने से हमें फुंसियों और मुहासों से भी निजाद मिल सकती है।
ग्रीन टी में फ्लेवोनोइड्स और टैनिन (पत्तों में पाया जाने वाला एक तरह की एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन्स) होते हैं, जो चेहरे पर होने वाली सूजन से लड़ने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं और बैक्टीरिया जो मुहांसे या फुंसी का कारण बन सकते हैं।
यह एंटीऑक्सिडेंट एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) (एक तरह से सूजन और खून को शुद्ध करके वजन कम करने वाला तत्व) में भी उच्च है, जो सूजन से लड़ने, सीबम (एक तरह का हार्मोन जो किशोरावस्था में 500% तक बढ़ जाता है) उत्पादन को कम करने और मुँहासे से ग्रस्त त्वचा वाले लोगों में प्रोपियोनीबैक्टीरियम एक्ने (Propionibacterium acnes ) के विकास को रोकता है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि अगर कोई व्यक्ति 2-3% ग्रीन टी का अर्क लगाते हैं तो सीबम हार्मोन का उत्पादन उनके शरीर में कम होता है और फलस्वरूप उन्हें मुहांसे और फुंसियां भी कम होती है।
बाजार पर काफी सरे त्वचा देखभाल के उत्पाद उपलब्ध हैं जिनमें ग्रीन टी शामिल है, लेकिन हम घर पर भी आसानी से और कम खर्च इस मिश्रण को बना सकते हैं।
मुंहासों/फुंसियों के लिए ग्रीन टी का उपयोग कैसे करें
- 3 से 4 मिनट तक उबलते पानी में ग्रीन टी डालें।
- चाय को ठंडा होने दें।
- इस मिश्र्ण में रुई का फाहा भिगो कर सीधे फुंसी पर लगाएं या स्प्रे बोतल का उपयोग करने पर इसे स्प्रे करें।
- इसे 10 मिनट या रात भर के लिए छोड़ दें, और फिर पानी से अपना चेहरा कुल्ला।
- आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को प्रति दिन 1-2 बार दोहराएं। इसे रेफ्रिजरेटर में 2 सप्ताह तक संग्रहीत किया जा सकता है।
सारांश
ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट काफी उच्च मात्रा में पाया जाता है जो सूजन को कम करने और बैक्टीरिया से लड़ने में हमारी त्वचा की मदद करती है। इसे त्वचा पर लगाने से फुंसी और मुहांसे काफी हद तक कम किये जा सकते है।
6. एलो वेरा से त्वचा को नम करें
एलो वेरा एक उष्णकटिबंधीय पौधा है जिसमें पत्तियां होती हैं जो एक शुद्ध चिपचिपा घोल (जेल) का उत्पादन करता हैं।
एलोवेरा जेल को जब त्वचा पर लगाया जाता है तो ये हमारी त्वचा को बैक्टीरिया से लड़ने, सूजन को कम करने और घाव भरने में काफी हद तक मदद करता है।
इस वजह से, यह त्वचा की विभिन्न स्थितियों के लिए एक लोकप्रिय घरेलु उपचार है, जिसमें सोरायसिस, चकत्ते, कट और जलन शामिल हैं जिसे हम एलो वेरा से ठीक कर सकते है।
विशेष रूप से फुंसी और मुहासे से लड़ने के लिए एलोवेरा की क्षमता पर सीमित अध्ययन हैं, लेकिन जो भी मौजूदा शोध है वो आशाजनक है की हम एलो वेरा को त्वचा के रोगों में प्रयोग करके लाभ उठा सकते है ।
एलोवेरा में ल्यूपॉल, सैलिसिलिक एसिड, यूरिया नाइट्रोजन, दालचीनी एसिड, फेनॉल्स और सल्फर होते हैं, जो सभी बैक्टीरिया को रोकते हैं जिनके कारण फुंसियों और मुहांसों का हमारी त्वचा पर निर्माण होता है।
एक अध्ययन में, एलोवेरा जेल की अलग-अलग मात्रा को लौंग-तुलसी तेल में मिलाया गया और मुँहासे-रोधी गुणों के लिए इसका मूल्यांकन किया गया। लोशन में एलोवेरा की मात्रा जितनी अधिक डाली गई उतना ही इससे फुंसियों और मुहांसे को कम करने में यह कारगर रहा।
एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि ट्रिटिनॉइन (Tretinoin) क्रीम के साथ 50% एलोवेरा जेल का उपयोग करना अकेले ट्रिटिनॉइन क्रीम की तुलना में फुंसी को साफ़ करने में अधिक प्रभावी था। ट्रिटिनॉइन क्रीम विटामिन ए से प्राप्त एक मुँहासे की दवा है।
हालांकि अपने आप में एलोवेरा जेल मुहांसे और फुंसियों के इलाज में ज्यादा प्रभावी नहीं था, परन्तु जब इसे लौंग-तुलसी तेल और ट्रिटिनॉइन क्रीम के साथ मिलाया गया तो एलोवेरा जेल के प्रभाव से इनका प्रभाव भी काफी ज्यादा बढ़ गया और एक उच्च कोटि की मुँहासे को खत्म करने वाली दवाई बन कर सामने आयी।
हालांकि एलोवेरा जेल अपने दम पर फुंसियां साफ करने में मदद कर सकता है, यह अन्य उपचार या दवाओं के साथ संयुक्त होने पर अधिक प्रभावी होता है।
मुंहासों के लिए एलोवेरा जेल का उपयोग कैसे करें
- एक चम्मच के साथ एलोवेरा के पत्तों से जेल को बाहर निकालें।
- जब आप अन्य मुँहासे की दवाई त्वचा पर लगाए तो एलो वेरा जेल को अपनी त्वचा पर लगाएं। आप इसे अपने अन्य उपचार के साथ भी मिला सकते है और फिर इसे अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं। या, आप पहले अन्य मुँहासे की दवाएँ लगाने के बाद एलो वेरा जेल को ऊपर से लगा सकते है ।
- प्रति दिन 1-2 बार दोहराएं, या जरूरतानुसार लगा सकते है।
सारांश
त्वचा पर एलोवेरा को लागू करने से जलन, घावों को ठीक करने और सूजन को खत्म करने में मदद मिल सकती है। यह अन्य उपचारों के मुँहासे-रोधी प्रभावों को बढ़ाने के लिए दिखाया गया है, लेकिन इसके उपयोग के समय इसके प्रभावों पर अधिक शोध की आवश्यकता है।
7. मछली के तेल से बने पदार्थों का सेवन करने से फुंसियों / मुहांसों का इलाज
मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक (डीएचए) होता है।
अध्ययन बताते हैं कि ईपीए का सेवन करने से तेल उत्पादन को प्रबंधित करने, फुंसियों को रोकने और त्वचा को पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति (हाइड्रेशन) बनाए रखने में मदद कर सकता है।
सूजन बढ़ाने में योगदान करने वाले कारकों को कम करने के लिए उच्च स्तर का ईपीए और डीएचए का उपयोग करना काफी लाभदायक होता है, जो अंततः फुंसियों और मुहांसों के जोखिम को कम कर सकता है।
एक अध्ययन में, 10 सप्ताह के लिए प्रतिदिन ईपीए और डीएचए दोनों युक्त ओमेगा -3 फैटी एसिड की खुराक लेने से सभी 45 प्रतिभागियों में फुंसियों और मुहांसों काफी कम हो गये।
आप अखरोट, चिया सीड्स, अलसी (ग्राउंड फ्लैक्ससीड्स), सैल्मन(एक प्रकार की मछली जैसे ट्राउट मछली), सार्डिन(एक प्रकार की छोटी मछली) और एंकोवीज़ (एक छोटी, आम चारा मछली है) को खाकर भी हम ओमेगा -3 फैटी एसिड प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, ऊपर दिए गए पौधे के स्रोतों में ओमेगा -3 फैटी एसिड अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) और थोड़ा EPA या DHA होता है।
केंद्रित ओमेगा -3s के साथ पूरक (Supplements) लेने से आप बेहतर इलाज के लिए ईपीए और डीएचए की अधिक मात्रा में ले सकते हैं।
ओमेगा -3 फैटी एसिड के दैनिक सेवन की कोई विशेष अनुशंसित मात्रा नहीं है, लेकिन अधिकांश स्वास्थ्य संगठन स्वस्थ वयस्कों को प्रतिदिन कम से कम 250-500 मिलीग्राम संयुक्त ईपीए और डीएचए का सेवन करने की सलाह देते हैं।
सारांश
मछली के तेल में ईपीए और डीएचए ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं। मछली के तेल के पूरक लेने से मुँहासे को कम करने में मदद मिल सकती है।
8. नियमित रूप से एक्सफोलिएशन / मृत त्वचा कोशिकाओं को साफ़ करें
एक्सफोलिएशन मृत त्वचा कोशिकाओं की ऊपरी परत को हटाने की एक प्रक्रिया है। इन मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने के लिए हम ब्रश या स्क्रब का उपयोग करके इसे इनकी सहायत से साफ़ कर सकते है और हम इसे रासायनिक रूप से एक एसिड को लगा कर भी हटा सकते है जो इन कोशिकाओं को टुकड़ों में तोड़ देता है।
क्यूंकि यह माना जाता है कि रोम छिद्रों को बंद करने वाली इन त्वचा की कोशिकाओं को हटाकर भी हम मुंहासों को कम करने की कोशिश कर सकते है।
यह माना जाता है कि त्वचा के लिए मुंहासे का इलाज अधिक प्रभावी है, जिससे त्वचा की सबसे ऊपरी परत को हटा दिया जाता है।
दुर्भाग्य से, एक्सफोलिएशन पर शोध और मुँहासे के इलाज की इसकी क्षमता अभी थोड़ी सीमित है।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि त्वचा की ऊपरी परत को हटा कर (माइक्रोडर्माब्रेशन), हम त्वचा की उपस्थिति में सुधार कर सकतें है, जिसमें की मुँहासे के दागों को हटाना भी शामिल हैं।
एक छोटे से अध्ययन में, मुँहासे वाले 25 रोगियों को साप्ताहिक अंतराल पर आठ माइक्रोडर्माब्रेशन उपचार मिले। पहले और बाद की तस्वीरों के आधार पर इन लोगों के मुँहासे काफी हद तक सही हो गए।
96% लोग परिणामों से प्रसन्न थे। फिर भी, जबकि इन परिणामों से संकेत मिलता है कि मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने से मुँहासे में सुधार हो सकता है, परन्तु फिर भी अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।
दुकानों और ऑनलाइन में कई प्रकार के एक्सफोलिएशन उत्पाद उपलब्ध हैं, लेकिन चीनी या नमक का उपयोग करके घर पर स्क्रब बनाना आसान है।
घर पर स्क्रब कैसे बनाएं
- बराबर भागों चीनी (या नमक) और नारियल तेल मिलाएं।
- मिश्रण के साथ त्वचा को साफ़ करें और अच्छी तरह से कुल्ला।
- इससे आप आवश्यकतानुसार दिन में प्रयोग करके मृत त्वचा कोशिका को हटा सकते है और मुहांसो से छुटकारा पा सकते है।
सारांश
एक्सफोलिएशन मृत त्वचा कोशिकाओं की ऊपरी परत को हटाने की प्रक्रिया है। यह निशान और मलिनकिरण की उपस्थिति को कम कर सकता है, लेकिन मुँहासे के इलाज की क्षमता पर अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
9. घी - दूध का सेवन सीमित करके
घी – दूध या इनसे बने उत्पाद और मुँहासे के बीच संबंध अत्यधिक विवादास्पद है।
दूध पीना और डेयरी उत्पादों का अधिक सेवन करने से हमारे शरीर में उन हार्मोन्स का विकास होता है जो हार्मोन्स मुहांसे होने का कारण बनते है।
दो बड़े अध्ययनों ने बताया कि जो लोग अधिक दूध पीते हैं उनमें अधिक मुहांसे या फुंसियां होती हैं, लेकिन इसके संपूर्ण साक्ष्य उपलब्ध नहीं है और अधिक शोध की आवश्यकता है।
सारांश
कुछ अध्ययनों में दूध और मुँहासे पीने के बीच एक सकारात्मक संबंध पाया गया। दूध और डेयरी की खपत को सीमित करने के लिए मुँहासे वाली त्वचा वाले लोगों के लिए एक अच्छा विचार हो सकता है, लेकिन फिर भी इसके बीच के संबंध को सत्यापित करने के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
10. तनाव कम करें
तनाव की अवधि के दौरान जारी हार्मोन सीबम उत्पादन और त्वचा की सूजन को बढ़ा सकते हैं, जिससे मुँहासे ओर बदतर हो सकते हैं।
वास्तव में, कई अध्ययनों ने तनाव को मुँहासे की गंभीरता में वृद्धि से जोड़ा है।
तनाव के कारण हमारा शरीर 40% तक घाव भरने को धीमा कर सकता है, जो मुँहासे के घावों की मरम्मत को भी धीमा कर सकता है।
तनाव को कम करने के तरीके
- अधिक नींद करें
- शारीरिक गतिविधि में व्यस्त रहें
- योग का अभ्यास करे
- ध्यान लगाएँ
- गहरी सांसें लो
सारांश
तनाव के कारण जो हार्मोन्स हमारे शरीर में बनते है वो मुँहासे को और अधिक बदतर बना सकते हैं। तनाव को कम करके या प्रसन्नचित होकर हम मुँहासे में काफी हद तक सुधार कर सकते है।
11. नियमित रूप से व्यायाम करें
व्यायाम से हमारे शरीर में स्वस्थ रक्त संचारण होता है। रक्त प्रवाह में वृद्धि होने से त्वचा कोशिकाओं को पोषण भरपूर मात्रा में मिलता है जिससे मुँहासे को रोकने और ठीक करने में मदद होती है।
नियमित व्यायाम करने से हमारे शरीर में हार्मोन का संतुलन बना रहता है और हमारे चेहरे पर चमक बनी रहती है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि व्यायाम तनाव और चिंता को कम कर सकता है, दोनों ऐसे कारक हैं जो मुँहासे के विकास में योगदान कर सकते हैं, इसलिए भी होने नियमित तौर से व्यायाम करना चाहिए।
आम तौर ओर यहाँ खा जाता है कि एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति को प्रत्येक सप्ताह कम से कम रोज 30 मिनट और हफ्ते में 3 से 5 बार व्यायाम करना चाहिए। इसमें पैदल चलना, लंबी पैदल यात्रा, दौड़ना और भार उठाना या और कोई शारीरिक क्रिया शामिल हो सकती हैं।
सारांश
व्यायाम स्वस्थ रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है, हार्मोन को नियंत्रित करता है और तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
लेख सारांश
कई अन्य बिमारियों के साथ-साथ मुँहासे भी एक आम समस्या है। हालांकि, पारंपरिक उपचार सूखापन, लालिमा और जलन पैदा कर सकते हैं, परन्तु उपर्लिखित उपायों से हम मुहांसो से अपने आपको बचा सकते है और अगर हो जाये तो ठीक भी कर सकते है। सौभाग्य से, कई प्राकृतिक उपचार मुहांसों पर काफी हद तक प्रभावी हो सकते हैं। इस लेख में सूचीबद्ध घरेलू उपचार हर किसी के लिए काम नहीं कर सकते हैं, लेकिन ये उपाए अधिकतर लोगों को मुहांसो से छुटकारा दिला सकते है। फिर भी, आप गंभीर मुँहासे होने पर त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं।