मुँहासे – फुंसियां (Acne / Pimpal) एक सामान्य त्वचा रोग है जो की लगभग 85% लोगों को उनके जीवन में एक न एक बार जरूर होता है।
लक्षणों में दानेदार फुंसिया सबसे ज्यादा शामिल होती हैं जो अक्सर यौवनावस्था के दौरान हमारे हार्मोन में बदलाव के कारण होती है जिनसे छुटकारा पाना काफी कठिन होता है।
कुछ पारंपरिक उपचारों से इन दानेदार फुंसियों से छुटकारा पाया जा सकता है परन्तु उनसे हमें अक्सर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं, जैसे कि त्वचा में जलन और सूखापन जो हमें और ज्यादा परेशान करते है।
इसी कारन बहुत सारे लोग अब जल्दी से जल्दी इन दानेदार फुंसियों से छुटकारा पाने के लिए प्राकृतिक उपचार को अपनाने लगे है। हालांकि बहुत सारे लोग आजकल प्राकृतिक तरीकों से इन फुंसियों / मुँहासे का उपचार करने की कोशिश कर रहे हैं, परन्तु केवल एक मुट्ठी भर लोग ही वैज्ञानिक रूप से इसे अभी मुहांसों का उपचार कर पा रहे हैं।
आइये अब हम उन 4 प्राकृतिक तरीकों का अध्ययन करते है जो जल्दी से जल्दी चेहरे से मुहांसे / फुंसियां (pimpal) हटाने में मदद करते है, हालाँकि इनकी प्रभावशीलता का समर्थन करने वाले कुछ सीमित शोध ही हो सकते हैं।
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1. चाय के पेड़ के तेल के साथ फुंसियां / मुँहासे का इलाज
चाय के पेड़ का तेल "मेलेलुका अल्टरनिफ़ोलिया" के पेड़ की पत्तियों से निकाला जाता है, जो ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी है और आजकल यह पेड़ इनकी ख़ास विशेषताओं के कारण विश्व के अन्य भागों में भी उगाये जाने लगे है ।
एक अध्ययन में पाया गया है कि की जिस जेल में 5% चाय के पेड़ का तेल होता है उससे मुँहासे / फुंसी से हुए घावों को कम करने में लगभग चार गुना अधिक प्रभावी था और मुँहासे की गंभीरता को कम करने में लगभग छह गुना अधिक प्रभावी था।
एक अन्य अध्ययन में पाया गया है की जिस जेल में 5% चाय के पेड़ का तेल होता है वो मुँहासे कम करने वाली एक दवा जिसमे 5% बेंजोइल पेरोक्साइड होता है ये दोनों एक सामान रूप से मुहांसे या फुंसियों को कम करने में प्रभावी होते है ।
मुहांसे और फुंसियों के इलाज के दौरान जो प्रतिकूल प्रभाव पड़ते है जैसे सूखापन, दाह और जलन चाय पेड़ के तेल से उपचार करने से ये प्रभाव कम होते हैं ।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चाय के पेड़ का तेल बहुत गुणकारी है और त्वचा पर सीधे लागू होने पर लालिमा और जलन पैदा कर सकता है। इस कारण से, यह किसी अन्य सामान्य तेल (नारियल इत्यादि) के साथ मिला कर लगाना चाहिए।
यदि आप इसे पहली बार लगाने की कोशिश करते हैं, तो इसे सुरक्षित रूप से उपयोग करें और हमेशा पहले अपने शरीर के किसी एक छोटे हिस्से जैसे कोहनी इत्यादि पर थोड़ा सा परीक्षण के लिए लगा लें, क्योंकि चाय के पेड़ का तेल सवेंदनशील त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव् भी डाल सकता है इसलिए इसे बिना किसी अन्य तेल में मिलाये बिना नहीं लगाना चाहिए।
फुंसी या मुँहासे के लिए चाय के पेड़ के तेल का उपयोग कैसे करें
- चाय के पेड़ के तेल की 1 बूंद को 1 चम्मच किसी अन्य तेल के साथ मिलाएं।
- इस मिश्र्ण में रुई का फाहा भिगो कर सीधे फुंसी पर लगाएं।
- अगर जरुरत लगे तो किसी नमी बनाये रखने वाले क्रीम का उपयोग करें।
- आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को प्रति दिन 1-2 बार दोहराएं।
सारांश
चाय के पेड़ का तेल सूजन और मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है। इसे त्वचा पर लगाने से पता चला है कि यह कुछ उदाहरणों में फुंसी और मुहासे को कम कर सकता है।
2. फुंसियां - मुँहासे से पड़े दाग धब्बे का सुगन्धित तेल / इत्र से इलाज
चाय के पेड़ के तेल के अलावा, जीवाणुरोधी और सूजन कम करने वाले गुणों वाले कई अन्य आवश्यक तेल फुंसी और मुहासे को जल्दी से साफ करने में मदद कर सकते हैं।
एक वैज्ञानिक जांच में पाया गया कि दालचीनी, गुलाब, लैवेंडर और लौंग के आवश्यक तेल मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया, प्रोपियोनीबैक्टीरियम एक्ने और स्टैफिलोकोकस एपिडर्मिडिस (Propionibacterium acnes and Staphylococcus epidermidis) से लड़ते हैं।
गुलमेहंदी और नीम्बू घास (Lemongrass) को भी प्रोपियोनीबैक्टीरियम Acne को रोकने करने के लिए कुछ जांचों में दिखाया गया था।
एक अध्ययन में लौंग-तुलसी तेल और 10% बेंज़ोइल पेरोक्साइड की मुँहासे से लड़ने की क्षमताओं की तुलना की गई है। बेंज़ोयल पेरोक्साइड की तुलना में 2% और 5% लौंग-तुलसी तेल फुंसी और मुहासे को कम करने में अधिक प्रभावी और तेज़ पाए गए।
एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि जिस जैल में खट्टे अम्ल जैसे संतरे और मीठे तुलसी आवश्यक तेल होते हैं, फुंसी और मुहासे की उपचार करने की क्षमता में 75% की वृद्धि हो जाती है।
चाय के पेड़ के तेल की तरह, यदि आप इसे पहली बार लगाने की कोशिश करते हैं, तो इसे सुरक्षित रूप से उपयोग करें और हमेशा पहले अपने शरीर के किसी एक छोटे हिस्से जैसे कोहनी इत्यादि पर थोड़ा सा परीक्षण के लगा लें, क्योंकि सुगन्धित तेल / इत्र सवेंदनशील त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव् भी डाल सकता है इसलिए इसे बिना किसी अन्य सामन्य तेल में मिलाये बिना नहीं लगाना चाहिए।
मुँहासे के लिए सुगन्धित तेल / इत्र का उपयोग कैसे करें
- सुगन्धित तेल / इत्र के 30ML के साथ आवश्यक तेल की 10 बूंदों को मिलाएं।
- इस मिश्र्ण में रुई का फाहा भिगो कर सीधे फुंसी पर लगाएं।
- अगर जरुरत लगे तो किसी नमी बनाये रखने वाले क्रीम का उपयोग करें।
- आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को प्रति दिन 1-2 बार दोहराएं।
सारांश
दालचीनी, गुलाब, लैवेंडर, लौंग और अन्य सुगन्धित तेल / इत्र मुँहासे/फुंसी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकने में कारगर पाया गया है। इन तेलों को त्वचा पर लगाने से फुंसियों को कम करने में मदद मिल सकती है।
3. ग्रीन टी का लेप त्वचा पर लगाएं
ग्रीन टी को स्वास्थ्य लाभ के लिए बहुत से लोग पीते हैं, लेकिन त्वचा पर इसका लेप लगाने से हमें फुंसियों और मुहासों से भी निजाद मिल सकती है।
ग्रीन टी में फ्लेवोनोइड्स और टैनिन (पत्तों में पाया जाने वाला एक तरह की एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन्स) होते हैं, जो चेहरे पर होने वाली सूजन से लड़ने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं और बैक्टीरिया जो मुहांसे या फुंसी का कारण बन सकते हैं।
यह एंटीऑक्सिडेंट एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) (एक तरह से सूजन और खून को शुद्ध करके वजन कम करने वाला तत्व) में भी उच्च है, जो सूजन से लड़ने, सीबम (एक तरह का हार्मोन जो किशोरावस्था में 500% तक बढ़ जाता है) उत्पादन को कम करने और मुँहासे से ग्रस्त त्वचा वाले लोगों में प्रोपियोनीबैक्टीरियम एक्ने (Propionibacterium acnes ) के विकास को रोकता है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि अगर कोई व्यक्ति 2-3% ग्रीन टी का अर्क लगाते हैं तो सीबम हार्मोन का उत्पादन उनके शरीर में कम होता है और फलस्वरूप उन्हें मुहांसे और फुंसियां भी कम होती है।
बाजार पर काफी सारे त्वचा देखभाल के उत्पाद / दवाएँ उपलब्ध हैं जिनमें ग्रीन टी शामिल है, लेकिन हम घर पर भी आसानी से और कम खर्च इस मिश्रण को बना सकते हैं।
मुंहासों/फुंसियों के लिए ग्रीन टी का उपयोग कैसे करें
- 3 से 4 मिनट तक उबलते पानी में ग्रीन टी डालें।
- चाय को ठंडा होने दें।
- इस मिश्र्ण में रुई का फाहा भिगो कर सीधे फुंसी पर लगाएं या स्प्रे बोतल का उपयोग करने पर इसे स्प्रे करें।
- इसे 10 मिनट या रात भर के लिए छोड़ दें, और फिर पानी से अपना चेहरा कुल्ला।
- आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को प्रति दिन 1-2 बार दोहराएं। इसे रेफ्रिजरेटर में 2 सप्ताह तक संग्रहीत किया जा सकता है।
सारांश
ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट काफी उच्च मात्रा में पाया जाता है जो सूजन को कम करने और बैक्टीरिया से लड़ने में हमारी त्वचा की मदद करती है। इसे त्वचा पर लगाने से फुंसी और मुहांसे काफी हद तक कम किये जा सकते है।
4. एलो वेरा से त्वचा को नम करें
एलो वेरा एक उष्णकटिबंधीय पौधा है जिसमें पत्तियां होती हैं जो एक शुद्ध चिपचिपा घोल (जेल) का उत्पादन करता हैं। एलोवेरा जेल को जब त्वचा पर लगाया जाता है तो ये हमारी त्वचा को बैक्टीरिया से लड़ने, सूजन को कम करने और घाव भरने में काफी हद तक मदद करता है।
विशेष रूप से फुंसी और मुहासे से लड़ने के लिए एलोवेरा की क्षमता पर सीमित अध्ययन हैं, लेकिन जो भी मौजूदा शोध है वो आशाजनक है की हम एलो वेरा को त्वचा के रोगों में प्रयोग करके लाभ उठा सकते है ।
एलोवेरा में ल्यूपॉल, सैलिसिलिक एसिड, यूरिया नाइट्रोजन, दालचीनी एसिड, फेनॉल्स और सल्फर होते हैं, जो सभी बैक्टीरिया को रोकते हैं जिनके कारण फुंसियों और मुहांसों का हमारी त्वचा पर निर्माण होता है।
एक अध्ययन में, एलोवेरा जेल की अलग-अलग मात्रा को लौंग-तुलसी तेल में मिलाया गया और मुँहासे-रोधी गुणों के लिए इसका मूल्यांकन किया गया। लोशन में एलोवेरा की मात्रा जितनी अधिक डाली गई उतना ही इससे फुंसियों और मुहांसे को कम करने में यह कारगर रहा।
एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि ट्रिटिनॉइन (Tretinoin) क्रीम के साथ 50% एलोवेरा जेल का उपयोग करना अकेले ट्रिटिनॉइन क्रीम की तुलना में फुंसी को साफ़ करने में अधिक प्रभावी था। ट्रिटिनॉइन क्रीम विटामिन ए से प्राप्त एक मुँहासे की दवा है।
हालांकि अपने आप में एलोवेरा जेल मुहांसे और फुंसियों के इलाज में ज्यादा प्रभावी नहीं था, परन्तु जब इसे लौंग-तुलसी तेल और ट्रिटिनॉइन क्रीम के साथ मिलाया गया तो एलोवेरा जेल के प्रभाव से इनका प्रभाव भी काफी ज्यादा बढ़ गया और एक उच्च कोटि की मुँहासे को खत्म करने वाली दवाई बन कर सामने आयी।
हालांकि एलोवेरा जेल अपने दम पर फुंसियां साफ करने में मदद कर सकता है, यह अन्य उपचार या दवाओं के साथ संयुक्त होने पर अधिक प्रभावी होता है।
मुंहासों के लिए एलोवेरा जेल का उपयोग कैसे करें
- एक चम्मच के साथ एलोवेरा के पत्तों से जेल को बाहर निकालें।
- जब आप अन्य मुँहासे की दवाई त्वचा पर लगाए तो एलो वेरा जेल को अपनी त्वचा पर लगाएं। आप इसे अपने अन्य उपचार के साथ भी मिला सकते है और फिर इसे अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं। या, आप पहले अन्य मुँहासे की दवाएँ लगाने के बाद एलो वेरा जेल को ऊपर से लगा सकते है ।
- प्रति दिन 1-2 बार दोहराएं, या जरूरतानुसार लगा सकते है।
सारांश
त्वचा पर एलोवेरा को लागू करने से जलन, घावों को ठीक करने और सूजन को खत्म करने में मदद मिल सकती है। यह अन्य उपचारों के मुँहासे-रोधी प्रभावों को बढ़ाने के लिए दिखाया गया है, लेकिन इसके उपयोग के समय इसके प्रभावों पर अधिक शोध की आवश्यकता है।
लंबे समय तक मुँहासे उपचार
कई अन्य प्राकृतिक तरीके जिनके द्वारा हम मुहांसों को जड़ से खत्म कर सकते है । परन्तु इनका उपयोग हमे लम्बी अवधि तक करना होता है।
नीचे दिए गए कुछ प्राकृतिक उपचार है जिनके द्वारा हम मुहांसों या फुंसियों को रोकने और ठीक करने में उपयोग कर सकते हैं।
जिंक (जस्ता) सप्लीमेंट के सेवन से
खनिज जिंक (जस्ता) घाव भरने में एक भूमिका निभाता है और सूजन को कम करने में भी मदद कर सकता है।
खोज में ये पाया गया है की जिनके खून में जिंक (जस्ता) की मात्रा कम होती है उनको मुहासों होने की ज्यादा संभावना होती है और जिनके खून में (जिंक) जस्ता की मात्रा सही मात्रा में होती है उनकी त्वचा सूंदर और साफ़ होती हैं।
कई अध्ययनों में पाया गया है कि अगर हम प्रति दिन 30-45 मिलीग्राम जिंक लेते है तो हमारे चेहरे पर फुंसी / मुहासे क़म होते है।
एक विशेष अध्ययन में, मुँहासे वाले 48 लोगों ने प्रति दिन 3 बार जिंक (जस्ता) की खुराक ली। 8 सप्ताह के बाद, उनमें से 38 लोगों के मुहांसो में 80-100% की कमी का अनुभव किया।
जिंक कई रूपों में उपलब्ध है, प्रत्येक रूप में जिंक की एक अलग मात्रा होती है।
आप जो भी रूप जिंक का चुनते हैं, उसकी प्रति दिन 40 मिलीग्राम जिंक (जस्ता) की निश्चित सीमा से अधिक नहीं लेना चाहिए।
बहुत अधिक जिंक (जस्ता) लेने से इसके कुछ खतरनाक प्रभाव पड़ सकते है, जैसे पेट में दर्द और आंत में जलन शामिल है।
शराब बनाने में प्रयोग होने वाले खमीर के उपयोग से
शराब बनाने में प्रयोग होने वाले खमीर से एक तरह का विशिष्ट दबाव बनता है जिसे सैक्रोमाइसेस सेरेविसिया हेंसन (CBS) कहा जाता है, अगर हम इस खमीर का सेवन करते है तो इससे हमें फुंसी या मुहांसे को कम करने में मदद मिलती है।
शराब बनाने में प्रयोग होने वाले खमीर विटामिन बी, क्रोमियम, तांबा, लोहा और जस्ता का एक अच्छा स्रोत है। हालांकि, इसके जीवाणुरोधी प्रभाव के कारण फुंसी या मुहांसे के इलाज की क्षमता इसमें सबसे अधिक है।
एक अध्ययन में पाया गया की जिन लोगों ने शराब बनाने में प्रयोग होने वाले खमीर का उपयोग किया उनमे से 80% से अधिक लोगों में फुंसी या मुहांसे ठीक हो गए या काफी हद तक सुधर गए। जो की एक संतोषजनक बात है ।
अध्ययन में ये भी पाया गया है की शराब बनाने में प्रयोग होने वाले के खमीर का कोई साइड इफेक्ट नहीं है, लेकिन कुछ लोगों ने इसका सेवन करने के बाद हलकी गैस, सूजन या सिरदर्द की शिकायत की है।
मछली के तेल से बने पदार्थों का सेवन करने से फुंसियों / मुहांसों का इलाज
मछली के तेल में ओमेगा -3 फैटी एसिड इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक (डीएचए) होता है।
अध्ययन बताते हैं कि ईपीए का सेवन करने से तेल उत्पादन को प्रबंधित करने, फुंसियों को रोकने और त्वचा को पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति (हाइड्रेशन) बनाए रखने में मदद कर सकता है।
सूजन बढ़ाने में योगदान करने वाले कारकों को कम करने के लिए उच्च स्तर का ईपीए और डीएचए का उपयोग करना काफी लाभदायक होता है, जो अंततः फुंसियों और मुहांसों के जोखिम को कम कर सकता है।
एक अध्ययन में, 10 सप्ताह के लिए प्रतिदिन ईपीए और डीएचए दोनों युक्त ओमेगा -3 फैटी एसिड की खुराक लेने से सभी 45 प्रतिभागियों में फुंसियों और मुहांसों काफी कम हो गये।
आप अखरोट, चिया सीड्स, अलसी (ग्राउंड फ्लैक्ससीड्स), सैल्मन(एक प्रकार की मछली जैसे ट्राउट मछली), सार्डिन(एक प्रकार की छोटी मछली) और एंकोवीज़ (एक छोटी, आम चारा मछली है) को खाकर भी हम ओमेगा -3 फैटी एसिड प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, ऊपर दिए गए पौधे के स्रोतों में ओमेगा -3 फैटी एसिड अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) और थोड़ा EPA या DHA होता है।
केंद्रित ओमेगा -3s के साथ पूरक (Supplements) लेने से आप बेहतर इलाज के लिए ईपीए और डीएचए की अधिक मात्रा में ले सकते हैं।
सारांश
शराब बनाने वाले के खमीर, जस्ता या मछली के तेल का सेवन करने से फुंसियों / मुहांसों को रोकने और कम करने में मदद मिल सकती है। इन पूरकों (सप्लीमेंट्स) से फुंसियों / मुहांसों से जल्द छुटकारा नहीं मिल सकता है, लेकिन उनके लंबे समय तक इस्तेमाल के अध्ययन से पता चलता है कि यह बहुत ज्यादा कारगर होते है।
फुंसियों / मुहांसों को कम करने में मदद करने वाले अन्य तरीके
हालांकि लोग वर्षों से प्राकृतिक तरीकों से फुंसियों / मुहांसों का उपचार कर रहे हैं, इस विषय पर अध्ययन / अनुसन्धान अभी भी चल रहा है।
नीचे कुछ उपाय बताये गए है जिनसे त्वचा में होने वाली फुंसियों / मुहांसों को कम करने में लाभ पहुंचा सकते हैं, लेकिन फुंसियों / मुहांसों के इलाज की उनकी क्षमता पर कोई अध्ययन/ साक्ष्य मौजूद नहीं है:
सेब का सिरका- सेब के सिरके में कार्बनिक अम्ल होता है जो मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने और मुँहासे के दाग की उपस्थिति को कम करने में मदद कर सकते हैं।
दूध का सेवन सीमित करें- दो बड़े अध्ययनों ने बताया कि जो लोग अधिक दूध पीते हैं उनमें अधिक फुंसियां होती हैं, लेकिन इसके सम्पूर्ण साक्ष्य उपलब्ध नहीं है और अधिक शोध की आवश्यकता है।
शहद और दाल-चीनी लेप – शहद और दाल-चीनी में एंटीऑक्सिडेंट, जीवाणु-रोधी और विरोधी सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, इसलिए जब इसके लेप को लगाया जाता है तो वे फुंसियों / मुहांसों वाली त्वचा को लाभ पहुंचा सकता हैं।
तनाव मुक्त रहना – कुछ अध्ययनों में पाया गया है की जो लोग ज्यादा तनावपूर्ण जीवन जीते है उन्हे फुंसियों / मुहांसों की समस्या ज्यादा होती है और इस लिए तनाव को मुँहासे की गंभीरता में वृद्धि से जोड़ा है। अपने डॉक्टर से मन एवं शरीर को शांत और अपने जीवनशैली में बदलाव के बारे में पूछे जो आपके तनाव के स्तर को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
फुंसियों / मुहांसों से छुटकारा पाने के लिए इन 11 शक्तिशाली घरेलू उपचार को ज़रूर पढ़ें।
कुछ अन्य उपाय आपको प्राकृतिक रूप से फुंसियों / मुहांसों से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जिसमें ऐप्पल सेब का सिरका को त्वचा पर लगाना, दूध के सेवन को सीमित करना और तनाव के स्तर को कम करना शामिल है। हालांकि, इनके पीछे बहुत कम या कोई शोध नहीं है, परन्तु यह उपाए काफी हद तक कारगर सिद्ध होते है।
सारांश
फुंसियां / मुहांसे एक आम समस्या है जिसका इलाज करना आपके लिए निराशाजनक / दुखदायी हो सकता है। पारंपरिक उपचार लालिमा, सूखापन या जलन पैदा कर सकते हैं, और कई प्राकृतिक विकल्प काम ही नहीं करते हो। इस लेख में सूचीबद्ध घरेलू उपचार कुछ सीमित अध्ययनों द्वारा फुंसियों / मुहांसों को कम करने के सबसे प्रभावी, प्राकृतिक तरीकों के रूप में समर्थित हैं। फिर भी, त्वचा के लिए हम इन विभिन्न आवश्यक तेलों, ग्रीन टी और एलोवेरा को लगा कर फुंसियां / मुहांसे से छुटकारा पा सकते है और यह एक सबसे अच्छा और प्रभावदायक तरीका भी हो सकता है, जबकि कुछ सीमित शोधों के अनुसार सप्लीमेंट के लिए लंबे समय तक उपयोग की आवश्यकता हो सकती है। इस लेख में दिए गए उपचार हो सकता है सभी की त्वचा पर काम न करे, लेकिन एक कोशिश जरूर करें क्या पता फुंसियों / मुहांसों से छुटकारा मिल जाये। यदि आप गंभीर फुंसियों / मुहांसों से पीड़ित है तो आप अभी भी त्वचा विशेषज्ञ (Dermatologist) से परामर्श कर सकते हैं।