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Mother’s day / मातृ दिवस
मातृ दिवस, मातृ और दिवस दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें मातृ का अर्थ है मां और दिवस का अर्थ दिन। इस तरह से मां का दिन को मातृ दिवस कहते है। अमेरिका, भारत और कनाडा में मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस / Mother’s Day मनाने का मुख्य उद्देश्य मां के प्रति सम्मान और प्रेम को दर्शाना है। हर जगह मातृ दिवस मनाने का तरीका अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य अन्ततः एक ही होता है।
मातृ दिवस का शुरुवात
मदर्स डे की शुरुवात 1900 सदी की शुरुआत में हुई थी। अन्ना जार्विस नाम की एक महिला ने 1905 में माताओं को सम्मानित करने वाली एक आधिकारिक छुट्टी के लिए एक अभियान शुरू किया, जिस वर्ष उसकी अपनी माँ की मृत्यु हो गई। छुट्टियों का पहला बड़ा पैमाने का उत्सव 1908 में था, जब जार्विस ने अपने गृह नगर, वेस्ट वर्जीनिया के गप्टन में अपनी मां के लिए एक सार्वजनिक स्मारक रखा था।
अगले कुछ वर्षों में, जार्विस ने छुट्टी को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने के लिए जोर दिया, और यह अमेरिका के चारों ओर अधिक से अधिक राज्यों में तेजी से मनाया गया। आखिरकार, 1914 में, राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मातृ दिवस को आधिकारिक अवकाश बनाने के लिए एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए। मई का दूसरा रविवार।
अन्ना जार्विस ने माताओं पर प्यार और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए समर्पित दिवस के रूप में मातृ दिवस को मातृ दिवस पर रखा, महिलाओं द्वारा अपने बच्चों के लिए किए गए बलिदानों को स्वीकार करते हुए। यही कारण है कि वह “माताओ” को एक विलक्षण अधिकार रखने के लिए निर्धारित करती है। प्रत्येक परिवार को अपनी माँ को मनाना चाहिए, ताकि देश भर की व्यक्तिगत महिलाओं को मातृत्व के व्यापक उत्सव के बीच भी प्यार का एहसास हो सके।
मातृ दिवस विवाद / Mother’s Day Controversy
अन्ना जार्विस मातृ दिवस को आधिकारिक राष्ट्रीय अवकाश बनाने में सफल होने के बाद भी, जिस तरह से छुट्टी मनाई गई थी, उससे वह संतुष्ट नहीं थी। जब वह छुट्टी पाने के लिए पैरवी कर रही थी, तब उसने फूलवाले के साथ मिलकर मदर डे के प्रतीकात्मक फूल के रूप में एक “सफेद कार्नेशन” की सिफारिश की थी।
हालांकि, छुट्टी के आधिकारिक अस्तित्व के पहले कुछ वर्षों में ही जार्विस ने यह महसूस किया की व्यापारियों (फूलवाला, कैंडी-निर्माताओं और कार्ड-निर्माताओं) ने मदर्स डे का उपयोग मुनाफाखोरी को बढ़ावा देने के लिए किया। जिससे जार्विस के मन को ठेस पहुंची क्यूंकि मातृ दिवस / मदर्स डे के व्यावसायीकरण ने एक छुट्टी के पूरे बिंदु को हरा दिया, जो कि एक माँ और उसके बच्चों के बीच व्यक्तिगत संबंध का जश्न मनाने वाला था।
जिसके फलस्वरूप लगभग 1920 से, जार्विस ने इस तरह की मुनाफाखोरी को रोकने के लिए कड़ा संघर्ष किया। जिस कारण जार्विस को मातृ दिवस की जननी (Mother ऑफ़ Mother’s Day) रूप में पहचाना जाने लगा क्यूंकि वही एक अकेली थी जो इस तरह के व्यावसायीकरण को रोकने के लिए लड़ी थी, जिसके फलस्वरूप उन्होंने बाद में इस अवकाश को राष्ट्रीय अवकाश के कैलेंडर से हटाने की भी पैरवी की, और मुनाफाखोरों के खिलाफ मुकदमे में खुद के पैसे खर्च किए। ताकि मातृ दिवस का नाम ख़राब न हो।
आज मातृ दिवस / Mother's Day कैसे मनाया जाए
अधिकांश आधुनिक माताओं के लिए, खाना खाने के लिए बाहर जाना या स्वर्णिम कार्ड / फूलों का एक मोटा गुच्छा प्राप्त करना ख़ुशी देता होगा। निश्चित रूप से, अन्ना जार्विस को यह पसंद नहीं आता, लेकिन अगर माँ खुश है, तो इसमें नुकसान ही कहाँ है?
यदि आप अन्ना जार्विस मार्ग पर जाना चाहते हैं, तो अपना कार्ड बनाएं या अपने मम्मी प्यारे को अपना प्यार दिखाने के लिए एक पत्र लिखें। बस प्रेरणा होनी चाहिए? और माँ शब्द को केंद्रित उद्धरण युक्त वाक्यांश का उपयोग करें। उदाहरणार्थ :-
एक आदर्श माँ बनने का कोई तरीका नहीं है, और एक अच्छा बनने के लिए एक लाख तरीके हैं। – जिल चर्चिल
कुछ और मुफ्त तरीकें भी है जैसे, आप फोन उठा सकते हैं और माँ के साथ कोई भी यादगार पल साझा करें।
(मज़ेदार तथ्य: मदर्स डे के अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका में फोन का ट्रेफ़िक वर्ष के उच्चतम स्तर को छू जाता है)।
यदि आप पास में रहते हैं तो माँ को टहलने के लिए ले जाएं या उनको किसी ऐसे प्राणी से मिलाएं जो उन्हें पसंद हो और उन्हें ख़ुशी दे।
समय के साथ परिवर्तन जरूरी है, अपनी राय दें ?
उपसंहार : इस धरती का अस्तित्व, मां के कारण ही। क्यूंकि मां द्वारा जन्म देने पर ही मनुष्य इस धरा पर आता है और मां उसे अपने स्नेह दुलार और संस्कारों से अपने बच्चे को मानवता का गुण सीखाती है। हम जो कुछ भी सीखते है उसमे हमारी माँ के द्वारा दिए गए संस्कार रुपी बीच रोपित होतें है, जिनकी फलस्वरूप हम एक आज अच्छे इंसान की श्रेणी में आते हैं। इसलिए मातृ दिवस को मनाना और भी आवश्यक हो जाता है। हम अपने व्यस्त जीवन में यदि हर दिन तो माँ के साथ नहीं बिताते और न बिता सकते है ऐसा बहुत लोगों का मन्ना है परन्तु कम से कम साल में एक बार मां के प्रति पूर्ण समर्पित होकर इस दिन को उत्सव की तरह तो हम मना ही सकते हैं।